इंडिया गेट से जुड़ी 10 रोचक बाते
Interesting Things about India Gate ?
यदि आपसे दिल्ली के कुछ प्रसिद्ध जगहों के बारे में पुछु तो आप राजधानी के राजपथ में स्तिथ इंडिया गेट का नाम जरुर लेंगे . यह 100 साल पहले शहीद हुए हमारे देश के शहीदों के नाम श्रद्धांजलि स्थल है .
इसी के पास अमर जवान ज्योति है जो निरंतर हमारे शहीद सेना के लिए जलती रहती है .
आज हम इस आर्टिकल में इंडिया गेट से जुड़ी मुख्य बातो के बारे में जानेंगे जैसे कि इंडिया गेट का निर्माण किसने किया और इसका क्या इतिहास है .
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सबसे बड़ा युद्ध स्मारक
इंडिया गेट को युद्ध में शहीद हुए लोगो की याद में बनाया गया है जिसे युद्ध स्मारक कहा जाता है . पर क्या आप जानते है कि इंडिया गेट सबसे ऊँचा युद्ध स्मारक है .
इसकी ऊंचाई 43 मीटर की है . इसमे मुख्य रूप से लाल और पीले पत्थरो का प्रयोग किया गया था जिसे राजस्थान के भरतपुर से लाया गया था .
क्यों बनाया गया युद्ध स्मारक
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान करीबन 80 हजार भारतीय सेना के सिपाही और अंग्रेज शहीद हो गये थे . उन सभी की शहादत के लिए इंडिया गेट नाम का युद्ध स्मारक दिल्ली में बनाया गया था .
कब बनाया गया इंडिया गेट
इंडिया गेट को 1921 पर बनाना शुरू किया गया जिसे बनने में 10 साल का समय लगा . इस स्मारक की नींव अंग्रेज अफसर में ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी .
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Photo : Pexels.com |
यहा लिखा है हजारो के नाम
क्या आप जानते है कि इंडिया गेट स्मारक पर 13 हजार शहीद हुए सैनिको और अधिकारियो के नाम लिखे हुए है .
जब आप इस स्मारक को गौर से देखने तो आपको पत्थरो पर उन सभी के नाम दिखाई देंगे . इस स्मारक के साथ ही उनके नाम पर अमर हो गये है .
सैलानियों के लिए अच्छी जगह
इंडिया गेट पर शाम के समय बहुत से सैलानियों की भीड़ होती है . यहा लोग शाम के समय फोटो खिचवाने दूर दूर से आते है . इंडिया गेट के चारो तरफ अच्छी हरियाली और पेड़ पौधे है जो इसे प्राकृतिक सुन्दरता देते है . इसलिए लोग यहा पिकनिक मनाने भी आते है .
अमर जवान ज्योति
क्या आप जानते है कि इंडिया गेट के चारो तरफ चारो कोनो में लगातार अमर जवान ज्योति जल रही है . भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 में जो भारतीय सैनिक शहीद हुए , उनकी याद में यह ज्योति तब से लगातार जल रही है .
यह चबूतरे को फूलो से सजा कर रखा जाता है . लोग यहा आकर शहीदों को श्रद्दांजलि देते है .
एक बन्दुक (एल1ए1 सेल्फ-लोडिंग राइफल) के ऊपर शहीद के हेल्मेट पर रखी हुई है . काले पत्थर पर सोने से अमर जवान लिखा हुआ है .
बता दे इस अमर जवान ज्योति का उद्घाटन 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था .
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